Tuesday, September 24, 2013

फिर हंसता है चेहरा तो क्यों यह मन रोता है?

चेहरे की मुस्कुराहट पर ना जाओ जनाब
यह तो है रोते हुए दिल का नक़ाब
कहते हैं लोग कि चेहरा मन का दर्पण होता है
फिर हंसता है चेहरा तो क्यों यह मन रोता है?
****

Post A Comment Using..

No comments :