Tuesday, October 22, 2013

करवाचौथ दोहे

आये कार्तिक माह में ,कृष्ण पक्ष की चौथ
व्रत निर्जला सुहागिनें , करतीं करवाचौथ /

दिन है यह सौभाग्य का, कमी न रखना शेष
कर सोलह श्रृंगार लो, करवाचौथ विशेष /  

सब पति की दीर्घायु का,करती हैं उपवास 
प्रतीक्षा चंद्रोदय की ,इस दिन होती ख़ास /

शुरू हो सूर्योदय से, चाँद देखके पूर्ण 
श्रद्धा और उत्साह से , करती हैं संपूर्ण /

चंद्रोदय के बाद ही ,मिलता है संयोग 
अर्घ्य दे सभी चाँद को ,उसे लगाती भोग /

निर्जल व्रत है चौथ का , करे सुहागिन नार 
जल पिए बाद अर्घ्य के , कर सोलह श्रृंगार //
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