Friday, January 3, 2014

तरही गजल

जब से उनका यहाँ आना जाना हुआ 
दिल हमारा भी उनका दिवाना हुआ /

साथ तेरे का जो छूट जाना हुआ 
तब से सबका यहाँ आना जाना हुआ /

माँग तेरी भरूं आ सितारों से मैं 
ऐसा कह जो गया फिर न आना हुआ /

माँग सूनी हुई जो सितारों भरी
माथे की बिंदी छिनना बहाना हुआ /

राहतें अब कहाँ चैन दिल को कहाँ  
जख्म अब मत कुरेदो पुराना हुआ /

याद आती रही रात भर थी मुझे 
भूल वो अब गया इक जमाना हुआ /

उसके आने की टूटी है उम्मीद अब 
जब से गैरों के घर आना जाना हुआ /

लाडली ही रही बेटियाँ बाप की
लाड़ छूटे जो पति घर ठिकाना हुआ / 
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