Tuesday, March 18, 2014

मुक्तक [ नारी]

अम्बे काली दुर्गा माता सब नारी कहलाती
कन्या पूजन के दिन घर घर नारी पूजी जाती 
क्यों कन्या को पैदा करके घबराती है नारी 
सरे आम चौराहे में क्योंकि वो है लुट जाती   

मानसिकता यह कैसी जो नर पर है अब भारी 
माँ बहन या बेटी सबकी भी तो है इक नारी 
बेटा बेटी को बराबर का मान अगर दिलाएं
नर सम्मान दे नारी को नारी भी जाये वारी 

आओ अब तो इस समाज में इन्कलाब हम लायें  
नारी को हम घर समाज में अब सम्मान दिलायें
बाल बाला को शिक्षित कर दूर करें दहेज़ की प्रथा  
अपनी बेटी को भेज सुरक्षित सबकी बेटी अपनायें 
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