Thursday, March 27, 2014
अपने [कुण्डलिया]
अपने आँसू दे गए ,किया हमें बेहाल
नया साल लाये नई खुशियाँ करें कमाल
खुशियाँ करें कमाल, दूर हों उलझन सारी
छाए नया बसंत, खिले अब बगिया न्यारी
सरिता करे गुहार, पूर्ण हों सारे सपने
करना रक्षा ईश,नहीं बिछुड़ें अब अपने
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