Thursday, June 12, 2014

माँ [कुण्डलिया]

मिलता मनचाहा अगर सिर पर माँ का हाथ 
बच्चे बनते हैं सबल जो हो माँ का साथ 
जो हो माँ का साथ सामना करते डट कर 
पाते हैं संस्कार अहम से रहते बच कर 
माँ से पा आशीष प्यार से बचपन खिलता 
कहती सरिता मान खुदा भी माँ में मिलता 

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