Thursday, February 19, 2015

मिट्टी के खिलौने


मन बच्चा है बहलाने को 
मिट्टी के खिलौने बनायें 
किसी के सिर पर रखकर चोटी 
किसी के माथे तिलक लगायें 
किसी के मुँह पर लगा के दाढ़ी
किसी को सुन्दर साड़ी पहनायें 
किसी के सिर पर रखकर टोपी 
किसी के सिर पगड़ी पहनायें 

काश मानव हो मिट्टी के खिलौने 

मौला, पंडित ,फादर ,भाई 
गूँथ इन्हें सबको मिलायें
मिली जुली इस मिट्टी से फिर
नए नए आकार बनायें 
दाढ़ी किसी की चोटी बन जाये 
चोटी में दाढ़ी छुपायें  
टोपी किसी की पगड़ी बन जाये 
पगड़ी में टोपी छुपायें 
किस्में कितना कौन छुपा है 
कौन बताये कौन बताये  
भेदभाव सारे मिट जायें 
आओ सच्चा मानव बनायें 
इंसानों में इंसानियत जगायें 
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