Saturday, August 1, 2015

कलाम दोहावली

कहो मिसाइल मैन तुम ,चाहे कहो कलाम
सारी दुनिया कर रही ,उनको आज सलाम || 

सादा उनका वेश था, मुखड़े पे मुस्कान 
दुनिया झुकती है अगर ,कर्म बनें पहचान ||

जीवन में करते चलो,अंतिम क्षण तक काम 
जैसे वीर कलाम ने, किया न कभी विश्राम ||

जीवन था सादा सरल,मन में उच्च विचार 
भेदभाव से दूर रह, पाया सबसे प्यार ||

सच्चा था इन्सान जो,कहते उसे कलाम
भारत माँ का है किया ,जग में ऊँचा नाम ||

कहें मिसाइल मैन को ,भारत रत्न कलाम 
पाकर इस सम्मान को ,अमर किया खुद नाम ||

एक सलामी आखिरी, देने को बेताब 
भारत माँ के पूत को, उमड़ा है सैलाब ||
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