Monday, February 11, 2013

''........तुम बदल गये हो..........''


तुम बदल गये हो..........

कितना भी हो दिलभर से प्यार
समय के साथ बदल जाता है
सूरज हो कितने भी शबाब पर
रात होते होते ढल जाता है







यह तो कहने की है बात
नही छोड़ेंगे जीवन भर साथ
राह बदलते ही दिल बदल जाए
छूट जाए फिर हाथ से हाथ




ऐसा वादा मत करना यार
जो तुम निभा ना सको
किसी को गम मत देना
'गर मुस्कराना सिखा ना सको






वादा निभाने की कोशिश करना
क्योंकि वादे तो टूट जाते हैं पर
''कोशिशें'' अक्सर कामयाब हो जाती हैं
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15 comments :

  1. आशा का संचार करती सुन्दर रचना!

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  2. कुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।

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  3. बहुत उम्दा गुजारिश ,,,,आपकी

    RECENT POST... नवगीत,

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  4. मन में आश जगती बहुत ही सुंदर प्रस्तुती।

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  5. सच कहा है ... कोशिश करते रहनी चाहिए ... जरूर कामयाब होती है ...

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  6. बहुत उम्दा सरिता जी किन्तु पहली पंक्ति मे मई समझता हूँ शायद दिलभर की जगह दिलबर होना चाहिए था !

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  7. सरिता जी .....प्यार भरे दिल की एक सच्ची अभिव्यक्ति

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