Saturday, February 8, 2014

मौत [कुण्डलिया]

डरना कैसा मौत से, यह तो सच्ची यार 
धोखा देती जिन्दगी , मौत निभाए प्यार /
मौत निभाए प्यार , साथ है लेकर जाती   
सबक जिंदगी रोज, नया हमको सिखलाती 
नेक मौत का काम, सबकी पीर को हरना 
सरिता कहे पुकार, मत तुम मौत से डरना //

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