Monday, September 1, 2014

गणपति दोहावली

गणपति का अवतरण दिन,शुक्ल भाद्रपद मास 
गौरी पुत्र गणेश का ,यह उत्सव है ख़ास 

माँ गौरी की मैल से ,पैदा हुए गणेश 
ब्रह्मा विष्णु महेश ने ,माना उसे गणेश 

गौरी नंदन प्रकट भये ,धूम मची चहुँ ओर 
जगमग जगमग जग भया , भई रात में भोर 

घर घर में छाई हुई, शुभ उत्सव की धूम 
गणपति बप्पा मोरया, कहें ख़ुशी से झूम 

शुरू करें हर काम को, लेकर तेरा नाम 
तेरे पूजन से सदा ,पूरे होते काम 

पूजा गणेश की करो,ले धूप और फूल 
मस्तक पर करना तिलक,ले चरणों की धूल

होती तेरे नाम से, सदा सुखद शुरुआत 
जीवन खुशियों से भरे, मिले पीर को मात 
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