Sunday, January 18, 2015

माँ की बेटी को सीख


लक्ष्मी है तू गेह की, तू मेरा सम्मान 
सबको देना मान तू ,भाई पिता समान |

बेटी है तो क्या हुआ,तू है घर की लाज 
तू मेरा अभिमान है, तू मेरी आवाज |

बनना मत तू दामिनी,सहकर अत्याचार 
लेना दुर्गा रूप तू ,करना तू संहार |

शत्रु सामने हो अगर ,मत होना भयभीत 
करना डट कर सामना, निश्चित होगी जीत |

मत घबराना तू कभी, जो हो जग बेदर्द 
तू है दुर्गा कालिका ,मत सहना तू दर्द |

जिसका तुझसे हो भला,उसके आना काम 
अबला नारी जो दिखे ,उसको लेना थाम ||

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