Sunday, January 25, 2015

ऋतुराज [ कुण्डलिया ]

जाने वाला है शिशिर ,अब ऋतुराज तैयार  
धानी चुनरी ओढ़कर ,धरा किया श्रृंगार 
धरा किया श्रृंगार ,झूमती डाली डाली
प्रफुल्लित ह्रदय आज ,भरी है बगिया खाली
पुष्पों को अब चूम ,लगे हैं भँवरे गाने 
छाया नव उत्साह , शीत लगा अभी जाने |
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