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सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!
Friday, April 17, 2015
फिसल रही है जिंदगी
बढ़ रही हैं इच्छाएं
अमर बेल की मानिंद
पिघल रही हूँ मैं
ग्लेशियर की मानिंद
फिसल रही है जिंदगी
रेत की मानिंद
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