1222 1222 1222 1222
गिले शिकवे सभी से अब मिटा लो फिर चले आना
जरा तुम प्यार अपनों से जता लो फिर चले आना
न जाने कब तलक यह रात होगी जिंदगी में अब
दिया इक आस का तुम जो जगा लो फिर चले आना
अभी गम के अँधेरे दूर तक हैं जिंदगी में यूँ
गमों के ये अँधेरे तुम मिटा लो फिर चले आना
सुखों के साथ होंगें जिंदगी में दुख बहुत यारो
जरा मजबूत कन्धा तुम बना लो फिर चले आना
अभी टूटे हैं सारे ख़्वाब मिलने के तुम्ही से यूँ
वो ख्वाबे आशियाना तुम सजा लो फिर चले आना
फिजाओं में घुला सरिता जहर फिर नफरतों का है
फिजाओं में यूँ खुशियाँ कुछ बसा लो फिर चले आना
मिली सागर में सरिता प्यास बाकी रह गई फिर भी
लबों/ह्रदय की तिश्नगी तुम जो बुझा लो फिर चले आना
10 जुलाई,2016.. सरू
मिली सागर में सरिता प्यास बाकी रह गई फिर भी
लबों/ह्रदय की तिश्नगी तुम जो बुझा लो फिर चले आना
10 जुलाई,2016.. सरू