ए माँ शारदे,हम सबको ऐसा वर दो,
खुशियों से सबका घर तुम भर दो!
श्वेत वरण में कमल पर विराजे,
हमारा भी मन कमल सा खिला दे!
धरती ने ली है पीली चादर ओढ़,
मोर की सवारी में लगे तू बेजोड़!
सतरंगी पतंगो का गगन में विस्तार,
बच्चों के मन में लाए उमंगें अपार!
वीणा से प्यार की 'सरिता 'यूँ बहा दो,
उज्ज्वल भविष्य कर जीवन महका दो!
बुद्दि से प्रखर कर अहम को मिटा दो,
विद्द्या का दान देकर बुराइयाँ हटा दो!
पीले वस्त्र पहन,सब पीला प्रसाद खाएँ,
सरस्वती की पूजा कर,खुशियाँ मनाएँ!
'बसंत है आया' तुम भी गुलाब ले आओ,
बसंत संग तुम भी'वेलिंटाइन डे'मनाओ!!