Friday, February 14, 2014

बासंती हाइकु

आया बसंत
निर्मल है आकाश 
दिल बसंत  


नभ विशाल 
सतरंगी पतंगें 
मन निहाल 


खिले हैं फूल 
रंगीन तितलियाँ 
प्रेम कुबूल 

धरा शृंगार 
कुसुमाकर आया 
पीले हैं हार 



नीला गगन 
रंगीला है चमन 
मन चंचल 

मन पतंगा 
इन्द्रधनुषी फूल 
बासंती प्यार 


मन के सच्चे 
रंगीन तितलियाँ 
प्रसन्न बच्चे 
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