Wednesday, August 27, 2014

धड़कन [कुण्डलिनी]

धड़कन से चालू हुआ ,धड़कन पर सब बंद 
मोल समय का जान लो ,यह इसकी पाबंद 
यह इसकी पाबंद ,आस जीवन की बनती
नैया लगती पार ,अगर है धड़कन चलती 
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