हमराही

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Sunday, February 21, 2016

" देख समय की चाल " दोहावली




शनि-रवि (20-21 फरवरी)
सारा भारत जल रहा, देख समय की चाल।
सभी देशद्रोही करें, चारों ओर बवाल।।

आरक्षण का भूत है ,लाया फिर भूचाल।
खोकर सब इंसानियत , खेंच रहे हैं खाल।।

मौसम करवट ले रहा, देख समय की चाल।
डॉक्टर चाँदी काटते , अंदर करते माल।।

बकरा भी है सोचता, देख समय की चाल।
कभी पूजते हैं उसे ,करते कभी हलाल।।

देख समय की चाल को,खुद को लेना ढाल।
बहक कहीं जाना नहीं, यह दुनिया जंजाल ।।

नस नस में फैला जहर ,देख समय की चाल।
कंकर हो तो ढूंढ ले, काली सारी दाल ।।