हमराही

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Friday, March 9, 2012

''नारी तुम अबला नही सबला हो''.....


सभी महिला मित्रों को और मेरे जीवन में आने वाली
हर उस महिला को,जो मेरे लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी,
''महिला दिवस'' की हार्दिक शुभकामनाएँ!!



''नारी तुम अबला नही सबला हो''.....

खुद को भुलाकर,अस्तित्व संभाले
ममतामयी, रोशन अस्मिता हो तुम

'सरिता' सी चाल ,सागर में मिलाव,
अपनी माँ सी समर्पित हो तुम!    
तन चंचल,मन स्वच्छ निर्मल,
अंनपूर्णा माँ सी अर्पित हो तुम!!

सृष्टि की जननी,शक्ति का स्त्रोत,
ममता की ऐसी सूरत हो तुम!
सबल कार्यकारिणी,प्रेमरूप धारिणी,
भगवान की लगती मूरत हो तुम!!

अखंड सहनशीलता,प्रचंड क्षमता,
ऐसा अनमोल नगीना हो तुम!
स्नेह संग रहना,क्षमा तेरा गहना,
                                                       फाल्गुन का खिलता महीना हो तुम!!                                                                                                                        
                                                     ***********************                                                        
                                                             

                                   
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16 comments :

  1. lovely gujarish hai.
    har nari ko sarita hi hona chahiye.

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  2. very nicely written... keep writing..

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    1. ममता,प्रकृति प्रेमी,योगा प्रेमी एक दोस्त का मेरे ब्लॉग पर स्वागत है,मुझे आप जैसे दोस्तों की ज़रूरत कदम कदम पर है,शुक्रिया,कृपया संपर्क में बने रहो

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  3. Bahut hi sundar Rachna ke liye Badhai Sarita ji...

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  4. ab naari abla kahan reh gayi ab to bande abla ho gaye .............

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  5. अन्तर्राष्टीय महिला दिवस पर आपने सुन्दर रचना रची है!
    महिला दिवस की शुभकामनाएँ!

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  6. सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    अबला तुम सबला बनो, तुम हो नर की खान।
    जागो नारी आज तो, बल को लो पहचान।।
    --
    आपकी पोस्ट का लिंक आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी है!

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  7. भावप्रवण उम्दा प्रस्तुति
    आशा

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  8. सुन्दर प्रस्तुति-

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  9. बहुत सुंदर खनकती हुई रचना!:-)
    ~सादर!!!

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  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...

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