हमराही

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Thursday, November 28, 2013

डैडी के जन्मदिवस पर शुभकामना दोहावली


ससुर का न दर्जा दिया,समझा पिता समान 
बिग बॉस घर के रहना,बना रहे यह मान /

ईश्वर से है प्रार्थना,खुशियां दे दिन रात 
दुःख का न हो सामना, सुख की हो बरसात /

जन्मदिवस पर आपके, करते दुआ विशेष 
पच्चतरवें बसंत की , शुभकामना अशेष /

आशीष दो हमें प्रभो, सर पर रखकर हाथ 
देखें कई बसन्त यूँ ,बना रहे यह साथ /




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Saturday, November 23, 2013

वोट , वोटर [दोहावली]


दरवाजे पर रोज ही , आ रहे रामराज 
अब वोटर के रूप में ,तुम भी करलो काज /

प्रत्याशी हैं घूमते ,वादे लिए हजार 
दिन आए मधुमास के, हो जाओ तैयार /

घोषणापत्र हैं प्रकट ,करना सभी रिएक्ट 
भरोसा रामराज पर या राइट टु रिजेक्ट /

'पंजा' लेकर आ गये, घर घर बाँटें नोट  
अब विकास के नाम से ,माँग रहे हैं वोट/

'कमल' लिए है भाजपा ,करे सुशासन वार 
भ्रष्टाचार मिटा रहे , देखो तारनहार /

राजनीतिक दलदल में ,फँसे केजरीवाल 
'हाथ' में ले लिया 'कमल','झाड़ू' करे कमाल /

मायावती मूर्त मगर, 'हाथी' चलता चाल
मूर्त चले चालें अगर ,सबको करे बेहाल /

ले 'साईकल' घूमते , बाँटते लैपटॉप 
अंगरेजी न बोलते ,बोलें हिंदी आप /

न ईमानदारी बची , 'आप' हैं सवासेर 
अरमानों पे आपके ,'झाड़ू' दी है फेर /

बिजली युग को दे रहे ,अभी भी 'लालटेन' 
अपना करें विकास वो ,लालू हो या सेन /

रामराज इक माह का, पांच साल खामोश 
कर देंगें बेहाल तो, होना मत बेहोश / 

व्यस्त हुआ वोटर बहुत, थके उम्मीदवार
वोटर जिस पर हों फ़िदा ,वोही दे सरकार /
++++
  

Thursday, November 21, 2013

सचिन [दोहे]

अपनी क्रिकेट टीम के, क्या कहने क्या ठाट
सचिन विरासत दे गए, रोहित शिखर विराट /


सचिन आम इन्सान से, बने आज भगवान 
तुम हो भारत देश की, आन बान औ' शान /


बोल खेल को अलविदा,चौबीस साल बाद 

पाए आशीर्वाद हैं , सदा रहो आबाद /


पाकर भारत रत्न को, तुमने पाया मान 
सभी करें सलाम सचिन, क्रिकेटर तू महान /



क्रिकेट में विश्वभर का, सचिन है धूमकेतु 
जोड़ पीढ़ियों को सचिन, बना आज दृढ सेतु /



एक दिवस के मैच में ,शतक दोहरा ठोक
विपक्षी हर जुबान पर ,सचिन लगाई रोक  /



दीवाना वो देश का ,लिए इरादे नेक 
गेंदबाज दिग्गज सभी, देते घुटने टेक /


ब्लास्टर कहते कहीं ,कहें कहीं भगवान 

सच्चा सौदा है किया,बने नेक इन्सान/

Sunday, November 17, 2013

साथी तेरे बिन

लगे हुए थे दुनिया के मेले 
बिन तेरे हुए हम भी अकेले|

सामने थे तुम पर थे बहुत दूर 
जिद्द ने हमें भी किया मजबूर |

न तुम पास आए न मैंने बुलाया
अहम् तेरा भी आज आड़े आया|  

हंसी से था दिल का दर्द छुपाया 
तन्हाइओं में तुमने बहुत रुलाया| 

सोचा था होगा अपना हमेशा साथ 
शायद आखिरी थी यह मुलाकात|

दिल के द्वार खुले हैं चले आना 
मिलने न देगा यह बेदर्द ज़माना|

पलकें तेरे इंतज़ार में खुली रहेंगी
तेरे दीदार बिन हमें मरने न देंगी || 

साथी तेरे बिन बहुत अधूरे हैं हम 
तुम जो चले आओ तो पूरे हैं हम 
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Tuesday, November 12, 2013

पुरूष प्रधान समाज

यह पुरुष प्रधान समाज आज भी है वहीं का वहीं
चाहे हो बेटा,पति,दोस्त या भाई
इनका ATTITUDEआज भी है HIGH
उनको जो है करना वो है जिद्दी पक्के
तब ना देखें भावना या प्यार
कैसे करे कोई इन पर ऐतबार
घर की मुर्गी दाल बराबर इस पर हैं यह कायम,
रूठ कर इनसे कहाँ कोई जाए
प्यार के हथियार से झट ही मान जाए
कहते हैं 50% का कोटा है नारी के नाम
पर कहाँ हैं 50% नारी के अधिकार
जिनकी ये हैं वास्तव में हकदार
कभी इनसे भी पूछो,कब है जाना?कहाँ है जाना?
देदो इनको भी पूर्ण सम्मान
पूरे हो जाएँ इनके भी अरमान
कब तक चलेगी तुम्हारी ठेकेदारी
तुम्हारी है मर्ज़ी तो बात होगी
तुम जो चाहो तो मुलाकात होगी
तुम्हारे परेशान होने से वो हो जाए परेशान
50% का वादा जो निभाना है
संग इन पुरुषों के उसे जिंदगी बिताना है
इतिहास गवाह है,पुरुष प्रधान समाज का
न सीता,न राधा,न द्रौपदी,न मीरा ने चैन पाया
इस पुरुष ने उसे हर बार कठपुतली ही बनाया
काश कभी ऐसा हो जाए
यह पुरुष इस नारी की वारी जाए
यह संसार तब देखो स्वर्ग बन जाए
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Sunday, November 10, 2013

हुआ है आज अँधेरा बुझी बसी बस्ती

हमें न रोक सकी है करीब आने से 
ये दुनिया साजिशें रचती रही ज़माने से /

कई है जिंदगियां मिटने को चले आओ 
खुलेगी आज ये किस्मत तो तेरे आने से /

मिटा गरीब का है आशियाँ सदा के लिए 
बना है मॉल सभी बस्तियां हटाने से /

हुआ है आज अँधेरा बुझी बसी बस्ती
इक आफ़ताब के बेवक्त डूब जाने से / 

बसा दो सरिता अगर तो दुआएं मिलें  
हटा दो आज अँधेरा दिया जलाने से //

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Saturday, November 9, 2013

छठ पर्व [ दोहे ]

छठ श्रद्धा और भक्ति का, अद्भुत है त्यौहार 
करके सूर्योपासना व्रत रखो संग प्यार /  

चार दिनों का पर्व है ,छठ पूजा का पर्व 
अर्घ्य दें सुबह शाम हैं, करते इस पर गर्व /

ले नहाय 'खरना' 'टिकरी' ,का मिल खाय प्रसाद,
 छठव्रती सभी इक जगह, अर्घ्य देय के बाद /

'नहाय खाय' प्रथम दिवस,खरना है दिन दूज 
टिकरी रूप प्रसाद का ,खाय सूर्य को पूज /

शुक्ल पक्ष की हो छटी, लेकर सब सामान 
जब दिखती पहली किरण, व्रत का करें विधान /

महापर्व पर छठ के , दोहराय इतिहास
सूर्य देव को अर्घ्य दें, पूर्ण करें उपवास /  

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Thursday, November 7, 2013

लगा अब दांव पर परिवार का सम्मान है

1 2 2 2   1 2 2 2   1 2 2 2   1 2 

लबों से आज गायब हो गई मुस्कान है 
अजब सी अब परेशानी लिए इन्सान है / 

कभी तो दिन भी बदलेंगे ,मिलेगा चैन तब
दुखों का अंत होगा तब यही अनुमान है /

गिले शिकवे यूँ अब हावी हुए रिश्तों पे हैं  
लगा अब दांव पर परिवार का सम्मान है /

किसे अपना कहें किसको पराया हम कहें 
यहाँ हर चेहरे की अब छुपी पहचान है /

रचे हैं साजिशें गहरी मगर अब सोचते 
जफ़ा पाकर खुदी का डोलता ईमान है  /

जमाना लाख समझाए नहीं सुधरेंगे ये 
नहीं मजहब सिखाता यूँ लुटाना आन है /

चले आओ हमारे पास ढलती शाम में 
हमें घर आज फिर से ही दिखे अनजान है /

तुम्हारे साथ ही गुजरी हमारी जिंदगी 
सनम है आज भी बसती तुम्हीं में जान है /

वफ़ा  सरिता निभाई है हमेशा साथ दे 
जतन तुम भी करो मुश्किल नहीं आसान है  //

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प्याज महाराज

मैया मेरी त्यौहार में रखना मेरी लाज 
मिठाई के जगह अबकी तुम ले आना प्याज |

भैया दूज आ गया सब अतिथि हैं आये
सब्जी,सलाद बिन प्याज के उनको नहीं है भाये |

सरकारी दावे हैं जो खोखले हो गए सारे 
मंहगाई की मार ने दिन में दिखाए तारे |

प्याज का पीछा करते टमाटर हो गया लाल 
भिन्डी तोरी गोभी ने किया सबको बेहाल |

प्याज की सांठ गांठ से हर मानव घबराया 
कभी था गरीब की थाली में अब महाराज कहलाया |

प्याज की अगुवाई ने सब्जियों को सरपट भगाया 
पसीने छूटे थे प्याज से अब हर सब्जी ने रुलाया | 
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Wednesday, November 6, 2013

कौन हो तुम ?

आज फिर 
तुम्हारी बेरूख़ी ने 
मुझे यूँ रुला दिया|
एक चाहत 
जो जगी मिलने की 
उसे भी मिटा दिया|
मिलने से पहले ही
बिछूड़ने का डर 
क्यों सताए?
काश कभी 
आँख खुलते ही 
वो सामने आ जाए|
रोक कर 
उस पल को 
कभी न जाने देना है|
लिपटकर उससे 
अपना आँचल 
भिगो लेना है|
तुम्हे 
कुछ हो जाए 
तो चैन नही मैं पाती हूँ|
कौन हो तुम ?
अनजान मुसाफिर 
जिसे सोच के मैं घबराती हूँ||

Tuesday, November 5, 2013

भैया दूज [दोहावली]

यम यमुना दोनों मिले, छाई ख़ुशी अपार 
दुनिया भर में गूंजता , बहन भ्रात का प्यार |

दीवाली के बाद ही ,आए भाई दूज 
करके भाई को तिलक ,बहन रही है पूज |

रोली अक्षत पुष्प से, पूजा करती आज 
भगवन आशीर्वाद दो, बनें भ्रात के काज |

जग में पवित्र प्रेम की, दूजी नहीं मिसाल 
जब मिलते भाई बहन, कहते अपना हाल |

रक्षा बहना की करे ,बहना का सम्मान 
उसकी खातिर त्यागता, भाई सब अरमान |

भैया बहना को सभी, देते आशीर्वाद 
भैया नित आशीष दे, बहन रहे आबाद |
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Sunday, November 3, 2013

दीपावली दोहावली


दीपों की हैं पंक्तियां, दीवाली त्यौहार 
आपस में सब बाँटते ,खुशिओं के उपहार // 

रोशन दीपों संग हो, सुंदर सजे जहान,
लक्ष्मी का हो आगमन ,हों पूरे अरमान //

बना स्वच्छता प्रकाश का, दीवाली है पर्व 
भारतवासी हैं सभी , करते इस पर गर्व //

दिवाली महापर्व है , मनाओ संग प्यार
न पटाखों को सब कहो , मीठा दो उपहार //

धनतेरस से हो शुरू, दूज पर हो समाप्त 
सबके आशीर्वाद से ,खुशियाँ करो प्राप्त //

रामभक्त ख़ुश आज थे, लौटे राजा राम
दिये अयोध्या में जले, लेकर प्रभु का नाम //

नरकासुर मारा गया  ,फैला हर्ष अपार 
सभी कृष्ण भगवान की ,करते जय जय कार //

विष्णु भगवन प्रकट हुए, रूप सिंह का धार 
मुक्त करी जनता सभी ,हिरण्यकश्यप मार //

तीर्थंकार चौबीसवें , जैन थे महावीर 
यह दिन है निर्वाण का ,मनाएं जैनवीर //

महर्षि दयानन्द जी,थे इक आर्य महान 
दीवाली का दिवस ही, बना दिवस अवसान // 

मिटता प्रकाश से तिमिर, विजय देत उल्लास
मत आतिशबाजी करो ,दीवाली तब ख़ास //

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Saturday, November 2, 2013

रूप चतुर्दशी [ दोहे ]

पांच दिनों के पर्व का ,द्वितीय दिन है आज
मना नरक चौदस रहे ,पूरे करें रिवाज // 

संध्या बाद दिए जला, पूजो तुम यमराज 
दिवाली महापर्व का ,दूजा दिन है आज //

उपासना यमराज की, का कर आज विधान 
स्वस्थ रहो ,हर रोग से मुक्त करें भगवान //

नरकासुर का वध किया, देव छुडाये आज
बंदीगृह से मुक्त कर ,कृष्ण बचाई लाज //

नरकासुर के नाश से थम गए अत्याचार 
प्रकाश है विजयी हुआ , मिट गया अन्धकार //

है छोटी दीपावली , करो आज प्रकाश 
आज कृष्ण ने कर दिया ,नरकासुर का नाश //

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धनतेरस दोहे

धनतेरस है आ गया ,मन छाया उल्लास 
मिले स्वस्थ तन आपको ,होवे सुख का वास //

धनतेरस का शुभदिवस ,लाये खुशी अपार 
भाग्यवान सब आप हों, धन की हो बौछार //

हर दिन ही बढता रहे, सबका कारोबार 
ऐसा हो परिवार का, धनतेरस त्यौहार //

सवार हो स्वर्ण रथ पर ,आई लक्ष्मी मात
देने आई आपको ,खुशिओं की सौगात //

रहे बरसता आप पर , लक्ष्मी माँ का नूर
धन दौलत का हो नहीं ,तुझको कभी गुरूर //

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