मेघा रे बरसो अभी, प्यारी लगे फुहार
यूँ हरियाई है धरा,कर धानी शिंगार ||
अब हरियाली तीज है, ले आई सन्देश
संग धरा के नारियाँ, धर लें धानी वेष ||
पहन खनकती चूड़ियाँ,मेंहदी लगे हाथ
करे सुहागिन कामना,सजना का हो साथ ||
अम्बर को छूने चलीं, कर धानी श्रृंगार
तन मन भीगा मेघ से ,गूँज उठे मल्हार||
रंग बिरंगी ओढ़नी,पहन रहीं हैं झूम
मेले में ही तीज के ,मचा रही हैं धूम ||
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