आज 14 जून को मेरे पिता जी का जन्मदिवस है
तो कुछ श्रद्दा सुमन मेरी तरफ से आज ही
वैसे
हम कल से पिता दिवस पर भेजी गई रचनाएँ
'गुज़ारिश'
पर आप सबके साथ साँझा करेंगे
1.
थाम ऊँगली जो चलाये वो पिता होता है
प्यार छुपा जो डांट से समझाए वो पिता होता है
कंधे बिठा सारी दुनिया घुमाये वो पिता होता है
मोक्षद्वार हमारे ही कन्धों पर जाए वो पिता होता है
2.
बच्चों की आँखों में अपने सपने सजाये
थाम ऊँगली जो चलाये वो पिता होता है
मील पत्थर बन सच्ची राह जो दिखाए
जोहरी बन भविष्य तराशे वो पिता होता है
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