हमराही

सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!

Saturday, August 31, 2013

नारी [कुण्डलिया]

नारी सबला जानिए ,देकर अनुपम प्यार 
नारी से नर उपजिया ,मानस पटल सुधार |
मानस पटल सुधार , जान नारी जस माता 
जैसे करता कर्म ,फल वैसा तभी पाता |
नारी माँगे मान,जान ना उसको अबला
देकर अनुपम प्यार,जान लो नारी सबला || 
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Friday, August 30, 2013

हमसे नफ़रत न हुई उनसे मुहब्बत न हुई [गजल]

2122   1122   1122   112
आदमी मौन हुआ राज छुपाये न बने 
चीख आकाश उठा आज सुनाये न बने|

हमसे नफ़रत न हुई उनसे मुहब्बत न हुई
क्या बने बात जहां बात बनाये न बने |

यार है यार बना साथ मुलाकात रहे 
कब रहे यार अगर साथ निभाए न बने |

ज्ञान को बाँट अगर चाह तुझे बढने की 
जो रखे पास हुनर ज्ञान बढाये न बने |

क्या पता वोह कभी थाम सके बाहों में 
इसलिए साथ चले हाथ हटाए न बने |

शाम जो आँख मिली हाल बताते रहे 
आँख जो आज उठी हाल सुनाये न बने |
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Wednesday, August 28, 2013

जन्माष्टमी दोहे 1.

आई है जन्माष्टमी , धूम मची चहुँ ओर
जन्मदिवस अब है सखी, मनवा नाचे मोर ||

बाद विष्णु के आठवें ,कृष्ण हुए अवतार 
ब्रज धरती अवतार ले, दिया कंस को मार ||

जन्मोत्सव की आज तो, मची हुई है धूम 
गोकुलवासी हैं सभी, रहे ख़ुशी से झूम ||

ख़त्म आतताई किया,छाया ब्रज उल्लास 
चमत्कार कर नित नए,बढ़ा रहे विश्वास ||

राधा अदभुत प्रीत की ,देकर गई मिसाल
मीराबाई भाँवरी , कान्हा बिन बेहाल ||

बाँधा रक्षासूत्र जो ,कृष्ण बचाई लाज 
प्रीत कृष्ण से जोड़ लो,पूरण होंगे काज ||

अर्जुन के बन सारथी ,दिया उसे निर्देश 
दूर किये संशय सभी, दे गीता उपदेश ||
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सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं 
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Saturday, August 24, 2013

माँग भरकर सुहागन खड़ी रह गई

ख़्वाब पूरे हुए आस भी रह गई 
जिंदगी में तुम्हारी कमी रह गई 

फ़ौज से लौट कर आ सका वह नहीं   
माँग भरकर सुहागन खड़ी रह गई 

खैर तेरी खुदा से रही मांगती  
चाह तेरी मुझे ना मिली रह गई 

छोड़ कर तुम भँवर में न होना खफा 
घाव दिल को दिए जो छली रह गई 

आजमाइश तूने की अजब है सबब 
मांगने में कसर जो कहीं रह गई 

प्यार गुल से निभा बुल फिरे पूछती  
आरजू में बता क्या कमी रह गई 

घाव बुल को मिले हो गई अजनबी 
आरजू अब अधूरी पड़ी रह गई 

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Friday, August 23, 2013

दोहे [ तीज ]

मेघा रे बरसो अभी, प्यारी लगे फुहार 
यूँ हरियाई है धरा,कर धानी शिंगार  ||

अब हरियाली तीज है,  ले आई सन्देश 
संग धरा के नारियाँ, धर लें धानी वेष ||

पहन खनकती चूड़ियाँ,मेंहदी लगे हाथ 
करे सुहागिन कामना,सजना का हो साथ ||

अम्बर को छूने चलीं, कर धानी श्रृंगार 
तन मन भीगा मेघ से ,गूँज उठे मल्हार||  

रंग बिरंगी ओढ़नी,पहन रहीं हैं झूम 
मेले में ही तीज के ,मचा रही हैं धूम ||
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Monday, August 19, 2013

भैया जल्दी आ जाना

भाई है मेरा अटूट विश्वास 
भाई संग रहे सुंदर अहसास 
यही अहसास करा जाना  
भैया जल्दी आ जाना |

भाई मेरे कल का उज्जवल सपना 
बनाए रखना सदा साथ अपना 
सपना पूर्ण करा जाना 
भैया जल्दी आ जाना |

भाई हो दूर तो सूना मुझे लगे
बीते बचपन की यादें हैं जगे
बचपन याद दिला जाना 
भैया जल्दी आ जाना |

माँ के आंचल की छांव हो आप 
हाथ हो सर पे जैसे माँ और बाप 
फर्ज अपना निभा जाना 
भैया जल्दी आ जाना |

भाई मेरी शान है मैं उसकी आन 
भाई के लिए अपनी वारूँ मैं जान
मेरी शान बढ़ा जाना 
भैया जल्दी आ जाना |

अपने भाई पर जायूं मैं वारी 
उसके वादों पर मैं बलिहारी
वादा यह निभा जाना 
भैया जल्दी आ जाना |

एक सूत्र में बंधा अपना प्यार 
बांधू हर वर्ष ही रक्षा का तार 
रक्षासूत्र बंधवा जाना 
भैया जल्दी आ जाना |

अपना प्यार बंधा सूत्र में एक 
भाई का साथ टाले बलाएँ अनेक
अबकी साथ निभा जाना 
भैया जल्दी आ जाना |

सभी प्यार से यह त्यौहार मनाएं |
रक्षाबंधन की सबको ढेरों शुभकामनाएं ||
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Sunday, August 18, 2013

रेशम की डोरी से संसार बाँधा है

बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है 
प्यार के दो तार से संसार बाँधा है 

Saturday, August 17, 2013

धरती अपनी बचाओ [रोला छंद]

चित्र से काव्य तक छंदोत्सव 

चलो उठो मनुज अब ,निद्रा अभी तुम त्यागो 
जाग जाएंगे सब ,स्वयं तो पहले जागो 

नदिया पेड़ पहाड़ ,करें ना तेरी मेरी 
रखो इसे संभाल , सब हैं धरोहर तेरी 

लगे तुम्हें क्यों डर , देख जो बदरा जागे
स्वयं बुलाया प्रलय , स्वयं ही इससे भागे 

शोर मचा चहुँ ओर , तुम भी हाथ बंटाओ 
बढ़ी ग्लोब वार्मिंग , धरती अपनी बचाओ 

नन्हे नन्हे हाथ , धरा को जब थामेंगे   
माँ का आंचल थाम , स्नेह से सब मांगेंगे 

धरा है माँ समान, करना ना वैर इससे 
हुई अगर यह रुष्ट ,खैर मांगोगे किससे 
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Friday, August 16, 2013

तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ [गजल]

तेरी यादों में खोया जा रहा हूँ

ये दिल पागल को मैं समझा रहा हूँ


तेरे नयना सुरा के हैं दो प्याले

तेरे नयनों में डूबा जा रहा हूँ


तेरा आना सबब कोई यक़ीनन

तेरे से मिलते ही घबरा रहा हूँ


मेरे ख्वाबों में जब से आ गए हो 

तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ


मेरे सजना अदा तेरी है कातिल

तेरी तालों पे नाचे जा रहा हूँ


तेरी खातिर ही हर चौखट झुका मैं

खुदा दर से दुआएं ला रहा हूँ

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Thursday, August 15, 2013

'' भारत की बात सुनाती हूँ ''

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 

भारत की बात सुनाती हूँ 
मैं गौरव गाथा गाती हूँ ||

द्वापर में कृष्ण जी आए 
महाभारत से पाप मिटाए
फिर वोही बोध कराती हूँ |

भारत की बात सुनाती हूँ
मैं गौरव गाथा गाती हूँ||

खड़ा हिमालय पहरेदार ,
नदिओं की बहती कल कल धार 
मैं मंगल गीत गाती हूँ |

भारत की बात सुनाती हूँ 
मैं गौरव गाथा गाती हूँ ||

ऋषि मुनिओं ने धरती सींची 
हमने हैं रेखाएं खींची 
मैं प्रेम भाषा दोहराती हूँ |

भाता की बात सुनाती हूँ 
मैं गौरव गाथा गाती हूँ ||

त्रेता युग में राम जी आए 
रामराज्य का पाठ पढाए 
मैं वोही कल्पना गाती हूँ|

भारत की बात सुनाती हूँ
मैं गौरव गाथा गाती हूँ ||

बुद्द महावीर दयानंद की धरती 
सारी दुनिया अनुसरण है करती 
मैं नित नित शीश झुकाती हूँ| 

भारत की बात सुनाती हूँ 
मैं गौरव गाथा गाती हूँ ||

भगत,उधम,सुभाष की जननी 
प्रताप शिवा आजाद की जननी 
मैं वन्दे मातरम गाती हूँ |

भारत की बात सुनाती हूँ
मैं गौरव गाथा गाती हूँ  ||

तिरंगा है मेरी आन बान 
इससे है भारत की शान
विश्व में ऊँचा लहराती हूँ|

भारत की बात सुनाती हूँ
मैं गौरव गाथा गाती हूँ || 

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Saturday, August 10, 2013

तेरे अशआर में मतला रहा हूँ [गजल]

1222         1222        122

मुहब्बत कर अभी पछता रहा हूँ

निरंतर दर्द पीता जा रहा हूँ ||

अदाओं पे तेरी मैं हूँ फ़िदा क्यों?

ये दिल नादान को समझा रहा हूँ 

मेरी तक़दीर में शायद नही तू

तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ ||

मेरी तनहाइयों के उन पलों में

अधूरी ख्वाहिशें बुनता रहा हूँ ||

गज़ल तुम हो बना हूँ काफिया मैं

तेरे अशआर में मतला रहा हूँ ||
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Wednesday, August 7, 2013

कभी मिल हमें तू फ़ुर्सत में

कभी मिल हमें तू फ़ुर्सत में,
तो हाले दिल सुनाएँ हम|

वो बीते लम्हे याद करें,
तेरे संग समय बिताएं हम |
वो खट्टी मीठी बातों संग ,
उन यादों में खो जाएँ हम | 

कभी मिल हमें तू फ़ुर्सत में,
तो हाले दिल सुनाएँ हम |

चाँद की शीतल चाँदनी में,
तेरे साथ में यूँ खो जाएँ हम |
बाँटें गम अपने,मन हल्का हो,
यूँ जन्नत में हो आएँ हम |

कभी मिल हमें तू फ़ुर्सत में,
तो हाले दिल सुनाएँ हम |

तारों का हो आशियाना,
तेरे कंधे पर सर टिकाएँ हम |
साँसों से साँसें जोड़कर,
अश्कों में गम बहाएँ हम |

कभी मिल हमें तू फ़ुर्सत में,
तो हाले दिल सुनाएँ हम ||
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Tuesday, August 6, 2013

शिव महिमा [ दोहे ]

गँगा जल की कुण्डलियां, भर लाए शिव भक्त 
कावड़ ले मनमोहिनी ,सब को करें आसक्त||

शिव नगरी हरिद्वार की, महिमा अपरमपार
कावड़ मेले हैं लगे, सजे हुए बाजार ||

बम बम के नारे लगें, गूँज रहे चहुँ ओर
मस्ती में मलंग हैं, मिल सब करते शोर || 

आए पूरे देश से , बम बम करते आज 
महादेव त्रिलोचन का , तिलक कर रहे आज ||

लाखों शंकर भक्त हैं, करें आज अभिषेक 
शिवरात्री है आ गई, माथा तू भी टेक ||

बम बम करते आ गए ,शिव के सेवादार 
हरिद्वार से जल लिया, चढ़ाएं सपरिवार||
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Sunday, August 4, 2013

दोस्ती दिवस की शुभकामनाएँ

दोस्त हैं एक पंख वाले फ़रिश्ते कहलाते 
लग जाएँ गले तो ही हम हैं उड़ पाते
हम हैं एक दूसरे के लिए बेजोड़ फ़रिश्ते 
बिना ही बंधन बंध जाते दोस्ती के रिश्ते  

जानें उनकी कीमत बिछुड़ जाने के बाद
दुनिया होती रोशन उन्ही से हो आबाद
जब ना आगे ना पीछे किसी का हो साथ 
दोस्तों का ही तब हमारे हाथ में हो हाथ  

दोस्त वो जो बारिश में रोना ले पहचान 
दोस्तों की दोस्तों में ही बसती रहे जान
दोस्त वो जो हंसता देख पूछे क्या है गम 
ख़ुशी से जिसे देखते ही आँखें हो जाएँ नम

दोस्ती है राधा संग कृष्ण का प्यारा अहसास  
दोस्ती है सुदामा और कृष्ण का अटूट विश्वास 
दोस्ती है दिलों में अनलिखा एक वादा हुजूर 
ना टूटे समय के साथ चाहे रहें नजरों से दूर

Photo: Happy frndsdhip day

Saturday, August 3, 2013

कुण्डलिया [ तीज ]


खुशियाँ लाया तीज है , गाएं गीत मल्हार
आंगन पींगों से सजे , झूलें कर श्रृंगार||
झूलें कर श्रृंगार ,ओढ के लाल चुनरिया
चूड़ियाँ हरी लाल , पहन झूमती गुजरिया||
आया श्रावण माह ,माँ ने पीहर बुलाया
मिले प्रेम उपहार, तीज है खुशियाँ लाया||
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Thursday, August 1, 2013

मुक्तक

१.काश! उसको हमने यूँ गले से लगाया होता,
  अपने धड़कते दिल का हाल बताया होता!
  कह देती बस धड़कनें,जो ना कह पाए हम,
  समझ ही लेता वो बस फिर क्या था गम !!

२.अगर नही समझ पाता तो होता उसे अहसास,
  कितना मुश्किल है खोना और पाना विश्वास!
  प्यार के अहसास भी होते हैं क्या अजीब?
  जो समझे वो अमीर,जो खो दे वो ग़रीब !!
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