धरती के चिथड़े हुए ,जल बिन सब बेजान |
खाली बर्तन ले सभी ,भटक रहे इन्सान ||
गर्मी से सूखा बढ़ा , जल की हाहाकार |
अफरा तफरी है मची ,प्यासे है नर नार ||
ताल भये सूखे सभी, पारा बढता जाय |
खाली गागर ले फिरे, पानी नजर न आय ||
मिनरल वाटर कंपनी ,धार रूप विकराल |
पानी सारा ले उडी ,जन जन है बेहाल ||