बरखा रानी आ गई ,लेकर बदरा श्याम |
धरा आज है पी रही ,भर भर घट के जाम||
भर भर घट के जाम , हरियाली है छा गई |
महक बिखेरें फूल , सावन रुत है आ गई ||
लोग हुए खुशहाल ,चला जीवन का चरखा |
खुश हुए हैं बालक, मेघा ले आय बरखा ||
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