हमराही

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Friday, July 26, 2013

धरा कर रही गुहार [तोमर छंद]


धरा कर रही गुहार ,सुन लो उसकी पुकार
सबही मिला लो हाथ, छोड़ो नहीं बस साथ 

क्या काले क्या सफ़ेद ,धरा ना करती भेद
आसमां सबका ऐक, काम तू भी कर नेक 

ईश्वर सबका एक, लिए है रूप अनेक 
जान के सब अनजान ,फिर भी लड़े  इंसान -

ना करना तुम कटाव ,धरा का करो बचाव
हरियाली करो यार , बेडा लगेगा पार  
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