दोस्त हैं एक पंख वाले फ़रिश्ते कहलाते
लग जाएँ गले तो ही हम हैं उड़ पाते
हम हैं एक दूसरे के लिए बेजोड़ फ़रिश्ते
बिना ही बंधन बंध जाते दोस्ती के रिश्ते
जानें उनकी कीमत बिछुड़ जाने के बाद
दुनिया होती रोशन उन्ही से हो आबाद
जब ना आगे ना पीछे किसी का हो साथ
दोस्तों का ही तब हमारे हाथ में हो हाथ
दोस्त वो जो बारिश में रोना ले पहचान
दोस्तों की दोस्तों में ही बसती रहे जान
दोस्त वो जो हंसता देख पूछे क्या है गम
ख़ुशी से जिसे देखते ही आँखें हो जाएँ नम
दोस्ती है राधा संग कृष्ण का प्यारा अहसास
दोस्ती है सुदामा और कृष्ण का अटूट विश्वास
दोस्ती है दिलों में अनलिखा एक वादा हुजूर
ना टूटे समय के साथ चाहे रहें नजरों से दूर