हमराही

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Monday, September 23, 2013

मुक्तक

1.
कोई छू जो गया था तो बाकी है अहसास
जाने वो कौन था जिसपर दिल को था विश्वास
सब कह रहे थे, वो कोई तेरा अपना था
आँख जब खुली तो जाना,वो तो इक सपना था
2.
खुली आँख से देखा है मैने इक सपना
नही है कोई और वो है कोई मेरा अपना
बनाए रखना तुम वो अपने का अहसास
नही कभी भुलाना कि तुम हो मेरे ख़ास
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