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जो अवाम की भी पसंद हो,कभी सोचता जो बुरा न हो
मुझे आदमी वो बना खुदा कभी जिससे कोई खता न हो /
'मुझे दे खुदा तू वो नेमतें तेरी बन्दगी में रहूँ सदा'
कहीं जानवर मेरे भीतरी कभी मुँह उठा के खड़ा न हो /
बनी दरमियाँ यही दूरियां मुझे सालती दिनों रात हैं
मिटा दूरियां मेरे वास्ते चला पास आ यूँ खफा न हो /
मुझे छोड़ दे यहीं राह में मुझे इंतज़ार है यार का
'इसी मोड़ पर मेरे वास्ते वो चराग ले के खड़ा न हो ' /
मेरी मखमली सी है रूह जो मुझे चुभ रही किसी शूल सी
मुझे क्यूँ सज़ा ये मिली बता जो गुनाह मुझसे हुआ न हो /
बढ़ी बेटियाँ रहीं पूछती तू उदास क्यों है पिता बता
क्या समझ सके वो है गर्दिशें जो पिता अभी बना न हो /
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