छन्न पकैया छन्न पकैया,आ मेरे हमझोली
कुदरत ने हैं रंग बिखेरे ,आओ खेलें होली
छन्न पकैया छन्न पकैया, आओ काका काकी
आओ सब को गले लगा लो, रहे न शिकवा बाकी
छन्न पकैया छन्न पकैया ,उत्सव फाग अनोखा
राधा कान्हा के ही जैसे ,प्रेम रंग दे चोखा
छन्न पकैया छन्न पकैया, दे गया खुशनसीबी
अपनों को है मिलने जाना, भूले सभी गरीबी
छन्न पकैया छन्न पकैया ,ये कैसी लाचारी
सज्जन को तो टिकट मिले ना, पायें भ्रष्टाचारी
छन्न पकैया छन्न पकैया ,भाँग पिये इतराये
बीवी बैठी डंडा लेकर ,घर कोई पहुँचाये
छन्न पकैया छन्न पकैया, भूत बने मतवाले
अपने अपने खुद पहचानो ,मुँह हैं उनके काले
छन्न पकैया छन्न पकैया रहे नहीं अब अन-बन
काहे का झगडा है भैया निकलो घर से बन-ठन
******