एक बरस के बाद फिर, अक्टूबर का मास।
जन्मदिवस पर आपके ,खुशियाँ लाया खास।।
रहो दुआओं में सदा , पाओ आशीर्वाद ।
खुशियों से झोली भरे,रहो सदा आबाद।।
माँ की ममता का मिले ,उचित तभी ईनाम ।
कुल के दीपक तुम बनो ,करो जगत में नाम।।
माँ बेटे का इस जग में ,बन्धन है बेजोड़ ।
ईश्वर आशीर्वाद लो ,नमन करो कर जोड़।।
पुलकित ,गर्वित, मानसी ,हर्ष ,अकुल के साथ।
चलो सदा 'अभिषेक' तुम,थामे उनका हाथ।।
मुस्काते रहना सदा , तुम जीवन पर्यन्त।
सुखों की बरसात हो और दुखों का अंत ।।
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