आओ खेलें होली ,आओ खेलें होली
फिर से खेलें होली ,वही पुरानी होली
हर घर में फिर से गूँजेगी
इंकलाब की बोली
आओ खेलें होली ,आओ...
रंग बसंती पहन के निकली
है मस्तों की टोली
आओ खेलें होली , आओ...
हरा केसरी श्वेत रंग ले
तू भी आ हमझोली
आओ खेलें होली , आओ...
दंभ,द्वेष औ अकड़ जलाकर
प्यार की भर लो झोली
आओ खेलें होली , आओ...
जात पात और वैर भाव की
उठने दो अब डोली
आओ खेलें होली , आओ...
राजगुरु, सुखदेव, भगत की
याद करो अब बोली
आओ खेलें होली ,आओ खेलें होली
फिर से खेलें होली ,वही पुरानी होली
..........सरिता यश भाटिया..........