यह वक्त.. ये दिन ... ये रात.... गुजर तो रहे हैं
लेकिन गुजारे नहीं जाते ........ तुम्हारे बिन...
मैं यहाँ तू वहाँ, फासले दरमियाँ
आती जाती पवन ,कह रही दास्ताँ |
गुजरती ही नहीं, तेरे बिन जिंदगी
इस जहाँ से परे ,बस गए तुम कहाँ |
ढूँढती है नजर, हरसू बेचैन सी
कुछ कहूँ चुप रहूँ, खो गया हमनवाँ |
सुलगती रोज है, आग दिल में पिया
यादें मिटती नहीं ,चाहे जाओ यहाँ |
अश्कों में रात दिन,बहते जज्बात हैं
ख्यालों में तुम मिले, मिट गई दूरियाँ |
आ गए पास तुम, जी उठी धड़कनें
कन्धे तेरे पे सर,रख करूँ मैं बयाँ |
तन्हा सरिता नहीं ,साथ अहसास हैं
थाम लेना सनम,बन के फिर हमनवाँ |