हमराही

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Saturday, September 3, 2016

मैं यहाँ तू वहाँ [ गजल ]



यह वक्त.. ये दिन ... ये रात.... गुजर तो रहे हैं 
लेकिन गुजारे नहीं जाते ........ तुम्हारे बिन...


मैं यहाँ तू वहाँ, फासले दरमियाँ
आती जाती पवन ,कह रही दास्ताँ |


गुजरती ही नहीं, तेरे बिन जिंदगी 
इस जहाँ से परे ,बस गए तुम कहाँ |

ढूँढती है नजर, हरसू बेचैन सी
कुछ कहूँ चुप रहूँ, खो गया हमनवाँ |

सुलगती रोज है, आग दिल में पिया 
यादें मिटती नहीं ,चाहे जाओ यहाँ |

अश्कों में रात दिन,बहते जज्बात हैं 
ख्यालों में तुम मिले, मिट गई दूरियाँ | 

आ गए पास तुम, जी उठी धड़कनें 
कन्धे तेरे पे सर,रख करूँ मैं बयाँ |

तन्हा सरिता नहीं ,साथ अहसास हैं  
थाम लेना सनम,बन के फिर हमनवाँ |
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