मुख्यपृष्ठ
मेरा परिचय
मेरे ब्लॉग
गुज़ारिश
आधारशिला
मेरी सच्ची बात
ॐ प्रीतम साक्षात्कार ॐ
मेरी रचनाएँ
दुर्गा
सपने
आइना
अहसास
दिले नादान
नज्म एवं नगमें
वीडिओ
अन्य
छंद
गजल
हाइकु
उत्सव
शुभकामनाएँ
हमराही
सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!
Friday, October 19, 2018
विजयादशमी मुक्तक
मुक्तक
रावण पुतले गली गली में ,कब तक यूंही लगाओगे
हर काम ,काज ,व्यवहार में रावण कैसे इन्हें
मिटा
ओगे
भस्म करो
अंतस
का रावण , विजयादशमी होगी तब
द्वेष,बुराई ,दंभ का रावण जब तुम रोज जलाओगे।।
19 अक्टूबर, 2018
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
Tweet
t