काली घटाओं ने दिल्ली को यूँ घेरा है
दिन में ही देखो छाया कैसा अंधेरा है
गोरी क्यों दिल धक धक करे तेरा है
आज तो ठंडी हवाओं का यहाँ बसेरा है
होगी बारिश खूब,दिल कहे आज मेरा है
बहारों ने देखो फिर से जादू बिखेरा है
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