हमराही

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Friday, September 27, 2013

माँ [कुण्डलियाँ ]

माँ के आंचल में मिले ,ममता की ही छाँव 
शुभाशीष पाओ  मधुर, नित्य दबाकर पाँव  
नित्य दबाकर पाँव , आशीर्वाद तुम लेना 
माँ से  बड़ा न स्वर्ग ,उसे दुख कभी न देना  
मिट जाते दुख-दर्द , पास में माँ के जा के
ममता के ही फूल ,मिलें आंचल में  माँ के 
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