हमराही

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Tuesday, October 15, 2013

हम अधूरे एक दूजे बिन ओ पिया

2 1 2 2   2 1 2 2   2 2 1 2
मैं तुम्हारी छाया तुम हो मेरे पिया 
अब कहीं लागे न तुम बिन यह जिया

आसमाँ से है उँचा,सागर से गहन
ऐसा सच्चा प्यार हमने तुमको किया

चाँद तुम मेरे अगर, मैं हूँ चाँदनी
ऐसा है अपना मिलन ओ रे पिया

आइना तुम हो अगर मैं तस्वीर हूँ
अक्स तुझमें मेरा ही दिखता है पिया

तुम अगर दीया तुम्हारी 'बाती' हूँ मैं
हम अधूरे एक दूजे बिन ओ पिया

मैं समाई सिन्धु में जैसे है लहर
एक ऐसा अपना संगम है ओ पिया!!
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