आये कार्तिक माह में ,कृष्ण पक्ष की चौथ
व्रत निर्जला सुहागिनें , करतीं करवाचौथ /
दिन है यह सौभाग्य का, कमी न रखना शेष
कर सोलह श्रृंगार लो, करवाचौथ विशेष /
सब पति की दीर्घायु का,करती हैं उपवास
प्रतीक्षा चंद्रोदय की ,इस दिन होती ख़ास /
शुरू हो सूर्योदय से, चाँद देखके पूर्ण
श्रद्धा और उत्साह से , करती हैं संपूर्ण /
चंद्रोदय के बाद ही ,मिलता है संयोग
अर्घ्य दे सभी चाँद को ,उसे लगाती भोग /
निर्जल व्रत है चौथ का , करे सुहागिन नार
जल पिए बाद अर्घ्य के , कर सोलह श्रृंगार //
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