लगे हुए थे दुनिया के मेले
बिन तेरे हुए हम भी अकेले|
सामने थे तुम पर थे बहुत दूर
जिद्द ने हमें भी किया मजबूर |
न तुम पास आए न मैंने बुलाया
अहम् तेरा भी आज आड़े आया|
हंसी से था दिल का दर्द छुपाया
तन्हाइओं में तुमने बहुत रुलाया|
सोचा था होगा अपना हमेशा साथ
शायद आखिरी थी यह मुलाकात|
दिल के द्वार खुले हैं चले आना
मिलने न देगा यह बेदर्द ज़माना|
पलकें तेरे इंतज़ार में खुली रहेंगी
तेरे दीदार बिन हमें मरने न देंगी ||
साथी तेरे बिन बहुत अधूरे हैं हम
तुम जो चले आओ तो पूरे हैं हम
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