हमराही

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Tuesday, February 18, 2014

थोड़ा हँस लो थोड़ा गा लो [गीत]


आओ कुछ तो समय निकालो
थोड़ा हंस लो थोड़ा गा लो 

जीवन की आपाधापी में 
अपने पीछे छूट न जाएँ 
नन्हे सपने टूट न जाएँ 
जरा नया उत्साह जगा लो 
थोड़ा हंस लो..........

अपने हम से रूठ गए जो 
जीवन पथ पर छूट गए जो 
उनकी यादों से अब निकलो 
रूठ गए जो उन्हें मना लो 
थोड़ा हंस लो..........

देख समय ने करवट खाई
फिर क्यों है मायूसी छाई
दे दो गम को आज विदाई 
बुरे समय को हँस कर टालो 
थोड़ा हंस लो..........

दिल सच्चा हो ना हो झूठा 
कोई ना हो हमसे रूठा 
रिश्ता उपजे एक अनूठा 
दिल से अपनों को अपना लो 
थोड़ा हंस लो..........

बात करेंगे बात बनेगी
सारी दुनिया तुम्हें सुनेगी
नैया इक दिन पार लगेगी 
खुशियाँ बांटो खुशियाँ पा लो
थोड़ा हंस लो.......... 

अब समय ने ली अंगड़ाई 
क्यों है अब भी चुप्पी छाई
सबने किस्मत स्वयं बनाई    
अपनी किस्मत स्वयं बनालो 
थोड़ा हंस लो..........

जब कारवाँ छूट जाएगा  
स्वयं को अकेला पाएगा 
प्रभु नाम ही संग जाएगा
अपनी यात्रा सफल बनालो
थोड़ा हंस लो..........
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