दिलों में रंजिशें ना हों यहाँ ऐसा जहाँ इक हो
जो छत हो आसमां सारा यहाँ ऐसा मकाँ इक हो |
नया हर जो सवेरा हो मिले सुख शांति हर घर में
मिटे ना वक्त के हाथों जो ऐसा आशियाँ इक हो |
बुराई ,लोभ ,भ्रष्टाचार, धोखा दूर हो कोसों
हो केवल प्यार हर घर में बसेरा अब वहाँ इक हो |
मिले केवल सुकूं अब और हो मुस्कान होठों पर
घुली मिश्री हो बातों में यहाँ ऐसी जुबाँ इक हो |
निशानी अब हसीं यादों की लम्हा लम्हा मुस्काये
हों चर्चे कुल जहां अपने ही ऐसी दास्ताँ इक हो |
नहीं कुछ चाहिए मुझको दे दो विश्वास तुम इतना
गवाही माँगे जग सारा वहाँ तेरा बयाँ इक हो |
नहीं हो मनमुटा रखना निशानी प्यार ही केवल
मिटे ना वक्त के हाथों जो ऐसा अब निशाँ इक हो |
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