हमराही

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Friday, June 20, 2014

मेरा सुकून

आज बहुत दिनों बाद
हुई आँखों की आँखों से मुलाकात
और दिल से हुई दिल की बात
मिला एक सुकून सा
मुद्दत के बाद
खुली आँखों से देखा शायद
मैंने कोई सपना
करूँ खुद पर यकीं
या करूँ मैं घुमाँ
दोबारा उसी जगह
क्यों तलाश रही थी यह आँखें तुझे
एक अजीब सा सुकून मिला मेरे मन को
जब हुई यह तलाश पूरी 
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