बीच राह श्मशान बना दो
इंसानों को यह समझा दो
जीवन नश्वर है यह जानें
मृत्यु सत्य है उसको मानें
नफरत छोड़ प्यार सिखला दो
रूप बड़ा ही सुन्दर पाया
काया ने कब साथ निभाया
साँच बुढ़ापे का दिखला दो
यह जग एक मुसाफिरखाना
इसका राज नहीं जो जाना
राज यही उसको बतला दो
रिश्ते सारे अजब अनूठे
पाश मोह ममता के झूठे
प्रीत ईश के संग लगा दो