लक्ष्मी है तू गेह की, तू मेरा सम्मान
सबको देना मान तू ,भाई पिता समान |
बेटी है तो क्या हुआ,तू है घर की लाज
तू मेरा अभिमान है, तू मेरी आवाज |
बनना मत तू दामिनी,सहकर अत्याचार
लेना दुर्गा रूप तू ,करना तू संहार |
शत्रु सामने हो अगर ,मत होना भयभीत
करना डट कर सामना, निश्चित होगी जीत |
मत घबराना तू कभी, जो हो जग बेदर्द
तू है दुर्गा कालिका ,मत सहना तू दर्द |
जिसका तुझसे हो भला,उसके आना काम
अबला नारी जो दिखे ,उसको लेना थाम ||
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