माघ शुक्ल की पंचमी ,शुरू हुआ मधुमास
सत्य,स्नेह,साहस सहित,ह्रदय भरे उल्लास |
बसंत ऋतु का आगमन, जाग उठी शुभ चाह
शांत ,शीत, ठंडी पवन , लाई नव उत्साह |
फूलों की हैं मस्तियाँ ,छाने लगी बहार
कहें मुबारक आपको ,बसंत का त्यौहार |
वर देना माँ शारदे, विद्द्या ,बुद्दि औ ज्ञान
प्रफुल्लित ह्रदय आज हो,करें सभी का मान |
माँ सरस्वती का लगे ,श्वेत धवल शुभ रूप
हाथों में वीणा लिए ,देवी का स्वरूप |
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