शैलपुत्री के रूप की ,पूजा करना आज
बन जायेंगे आपके ,सारे बिगड़े काज |
एक हाथ में कमल है , दूजे में त्रिशूल
माँ दुर्गा का दूसरा , ब्रह्मचारिणी रूप
भव्य रूप से मात के ,ढले कष्ट की धूप|
तप संयम से ही सदा ,होती मात प्रसन्न
कठिन व्रतों के बाद जो, ग्रहण करो तुम अन्न |
तप संयम की वृद्धि हो ,औ' बढे सदाचार
मन विचलित करना नहीं,कहे कथा का सार |
तप संयम की वृद्धि हो ,औ' बढे सदाचार
मन विचलित करना नहीं,कहे कथा का सार |
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