स्कंदमात है पांचवां , शक्ति रूप का नाम
द्वार मोक्ष का हो सुलभ, करना ऐसे काम |
छठा रूप कात्यायनी ,हरता सब संताप
करो मात कीआराधना ,मिट जायेंगे पाप |
कालरात्रि माँ सातवीं , करती कृपा अपार
मात कृपा से सिद्धि के, खुल जाते सब द्वार |
ह्रदय भरे प्रकाश से , ऐसा माँ का नूर
भक्त पुन्य पाकर रहें ,द्वेष लोभ से दूर |