कितनी ख़ुशी है
इस पगली को
प्रीतम की आगोश पाने की
जिससे बंध जाएगी वो
जमाने भर की
बंदिशों से
रीतिरिवाजों से
जिम्मेदारियों से
खोकर
ख्वाहिशों की बुलंदियाँ
स्वछन्द विचरण
माँ का सुखमय शीतल आँचल
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यह सच्चा सौदा है क्या ?
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इस पगली को
प्रीतम की आगोश पाने की
जिससे बंध जाएगी वो
जमाने भर की
बंदिशों से
रीतिरिवाजों से
जिम्मेदारियों से
खोकर
ख्वाहिशों की बुलंदियाँ
स्वछन्द विचरण
माँ का सुखमय शीतल आँचल
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यह सच्चा सौदा है क्या ?
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