मुख्यपृष्ठ
मेरा परिचय
मेरे ब्लॉग
गुज़ारिश
आधारशिला
मेरी सच्ची बात
ॐ प्रीतम साक्षात्कार ॐ
मेरी रचनाएँ
दुर्गा
सपने
आइना
अहसास
दिले नादान
नज्म एवं नगमें
वीडिओ
अन्य
छंद
गजल
हाइकु
उत्सव
शुभकामनाएँ
हमराही
सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!
Monday, September 14, 2015
यादें [मुक्तक]
लफ़्ज मेरे हैं भीग गए जब यादें बरसी सारी रात
शहर तेरे भी आती होगी यादों वाली यह बरसात
नव पल्लव सी मुस्काती थी शाखाएं जो तेरे संग
सूखे पत्तों सी बिखरी हैं पाकर यादों का आघात ।
****
Post A Comment Using..
Blogger
Google+
No comments :
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)